क्या सूर्य ग्रहण प्राकृतिक आपदाओं से जुड़ा है?

Surya Grahan 2025: चैत्र अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का साया है. हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण शुभ नहीं माना जाता.  इसे राहु और केतु के प्रभाव से जोड़कर देखा जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब राहु सूर्य को ग्रसता है तब इसका असर आमजीवन पर भी देखने को मिलता है.

कहते हैं जब ग्रहण का समय होता है, तो इस दौरान आर्थिक संकट, प्राकृतिक आपदाएं और राजनीतिक अस्थिरता जैसी घटनाओं के होने की संभावना बढ़ जाती है, क्या ये महज मान्यता है या फिर क्या है इसका सच ? आइए जानते हैं –

सूर्य ग्रहण 2025 समय

इस साल का सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 को चैत्र अमावस्या पर लगेगा. सूर्य ग्रहण की शुरुआत दोपहर 2 बजकर 21 मिनट पर होगी और शाम 6 बजकर 14 मिनट तक ये रहेगा. भारत में सूर्य ग्रहम दिखाई नहीं देगा.

सूर्य ग्रहण का प्राकृतिक आपदा से संबंध ?

वैज्ञानिक, धार्मिक और ज्योतिष की दृष्टि से सूर्य ग्रहम हमेशा चर्चा में रहता है. ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण को ग्रहों की स्थिति में परिवर्तन के रूप में देखा जाता है, जो लोगों के जीवन को प्रभावित कर सकता है. यही वजह है कि ज्योतिष में सूर्य ग्रहण को प्राकृतिक आपदाओं से जोड़कर भी देखा जाता है. इस साल भी साल के पहले सूर्य ग्रहण को लेकर कई भविष्यवाणी ज्योतिषियों ने की है. इसके मुताबिक –

  • सूर्य ग्रहण के अशुभ प्रभाव से प्राकृतिक आपदा के साथ अग्नि कांड भूकंप गैस दुर्घटना वायुयान दुर्घटना होने की संभावना.
  • नए रोगों के आने से या होने से सुख में कमी होना
  • बड़े वाहन की दुर्घटना की स्थिति उत्पन्न हो सकती है.

एक माह में दो ग्रहण का क्या है असर ?

ज्योतिष के ग्रंथ बृहत्संहिता में ग्रहण के बारे में भविष्यवाणियां की गई हैं. इस ग्रंथ में लिखा है कि जब-जब एक ही महीने में दो ग्रहण एक साथ होते हैं, तब-तब दुनिया में के हादसों की वजह से जनहानि होती है. तूफान, भूकंप, मानवीय भूल से बड़ी संख्या में जनहानि होने के योग बनते हैं. 2022 में हुए मोरबी हादसे को भी ग्रहण से जोड़कर देखा जाता है, क्योंकि उस साल भी एक महीने में चंद्र और सूर्य ग्रहण लगा था.

वैज्ञानिक नजरिए से

सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता और सूर्य को पूरी तरह या आंशिक रूप से ढंक लेता है. वैज्ञानिक दृष्टि से सूर्य ग्रहण एक मात्र खगोलिय घटना माना गया है इसका पृथ्वी पर होने वाली घटनाओं से कोई सीधा संबंध नहीं है.

Bhutadi Amavasya 2025: भूतड़ी अमावस्या क्या है ? मार्च में कब है ये, इस दिन भूलकर भी न करें ये काम

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Related Posts

प्रेग्नेंसी में ‘साइलेंट किलर’ से सावधान, विशेषज्ञ से जानें लक्षण और बचाव

World Pre-eclampsia Day: हर साल 22 मई को विश्व प्री-एक्लेम्पसिया दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य गर्भावस्था के दौरान होने वाली एक गंभीर अवस्था प्री-एक्लेम्पसिया के प्रति…

इस बीमारी में पानी ही बन जाता है जहर, ज्यादा पीना हो सकता है जानलेवा

Effect of Drinking Excessive Water: आपने बचपन से यही सुना होगा  “जितना ज्यादा पानी पियो, उतना अच्छा.” सुबह खाली पेट पानी पीना, हर घंटे घूंट-घूंट पानी पीना, ये सब अब…

Leave a Reply