
विष्णु पुराण में कलियुग के बारे में क्या लिखा है Kaliyug Last Night Vishnu Puran Predictions: हम अक्सर कहते हैं कि घोर कलियुग चल रहा है, जहां रिश्तों से ज़्यादा पैसा मायने रखता है और नैतिकता खत्म होती जा रही है. लोग पूछते हैं कि ये पाप से भरा समय कब खत्म होगा। विष्णु पुराण में कलियुग के अंत और उस भयानक रात का जिक्र है, जो सब कुछ खत्म कर देगी.

पाप अपनी चरम सीमा तक पहुंच जाएंगे कलियुग के अंत में लोग केवल पैसों को ही सबसे ज़्यादा महत्व देंगे. रिश्ते, दोस्ती और सम्मान सब स्वार्थ और धन पर टिके होंगे. अच्छे गुणों की कोई कदर नहीं होगी, और अमीर चाहे जैसा हो, उसे ऊँचा दर्जा मिलेगा. गरीब और गुणी लोग अनदेखे रहेंगे. पाप और बुराई अपने चरम पर पहुंच जाएंगी.

कलियुग के आखिरी समय में अपराध बहुत ज़्यादा बढ़ जाएंगे. लोग छोटी बातों पर एक-दूसरे को मार डालेंगे. चोरी, लूट और महिलाओं पर अत्याचार आम हो जाएंगे. अपराधी बेखौफ होकर घूमेंगे और कानून का डर किसी को नहीं होगा. समाज में अराजकता फैल जाएगी और शांति पूरी तरह खत्म हो जाएगी. कलियुग के अंत में हालात इतने खराब हो जाएंगे कि लोग खुद को असुरक्षित महसूस करेंगे. अपराध और हिंसा इतनी बढ़ जाएंगी कि लोग रात को घर से बाहर निकलने से डरेंगे. समाज में डर और अराजकता फैल जाएगी. यह रात तबाही और अंधकार का प्रतीक होगी, जहां हर कोई डर के साये में जीएगा.

कलियुग के अंत में इंसानों की उम्र बहुत कम हो जाएगी, वे सिर्फ 12 से 20 साल तक ही जी पाएंगे. उनका शरीर भी बहुत छोटा और कमजोर होगा, लंबाई सिर्फ 4 इंच तक रह जाएगी. लोग हमेशा बीमार रहेंगे और शारीरिक रूप से बेहद दुर्बल नजर आएंगे. विष्णु पुराण के अनुसार, कलियुग के अंत में प्रकृति बहुत क्रोधित हो जाएगी. सूरज की तेज़ गर्मी से धरती जलने लगेगी और नदियां सूख जाएंगी. कहीं भयानक सूखा होगा तो कहीं विनाशकारी बाढ़ आएगी. भूकंप, सुनामी जैसी आपदाएं बार-बार होंगी और चारों ओर तबाही फैल जाएगी.

कलियुग की आखिरी रात बहुत डरावनी और अंधेरी होगी. स्वार्थ और लालच के चलते लोग एक-दूसरे पर भरोसा नहीं करेंगे. रिश्ते खत्म हो जाएंगे और समाज में डर और अविश्वास फैल जाएगा. यह रात बहुत लंबी और काली होगी, दीया जलाने पर भी रोशनी नहीं दिखेगी. लोग बेचैनी और घबराहट से परेशान रहेंगे. कलियुग की आखिरी रात मूसलधार बारिश से सब कुछ बहकर चला जाएगा. हर जगह पानी ही पानी होगा और पूरी धरती डूब जाएगी. तेज़ आंधी और तूफान से हर कोई डर के साये में होगा. लोग घबराए हुए होंगे और इस रात के खत्म होने की दुआ करेंगे. यह रात बहुत लंबी और डरावनी होगी.

कलियुग के अंतिम समय में लोग शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत कमजोर हो जाएंगे. वे मेहनत करने के लिए भी ताकत नहीं पाएंगे. आखिरी रात में ऐसा आघात होगा कि वे कहीं भाग भी नहीं सकेंगे. उनकी हालत इतनी बुरी होगी कि वे कुछ भी नहीं कर सकेंगे और पूरी तरह असहाय महसूस करेंगे. कलियुग के अंत में लोग शारीरिक और मानसिक रूप से इतने कमजोर हो जाएंगे कि वे कोई मेहनत नहीं कर पाएंगे. आखिरी रात में उन पर इतनी बड़ी मुसीबत आएगी कि वे भागने में भी असमर्थ होंगे. उनकी स्थिति ऐसी होगी कि वे कुछ भी नहीं कर सकेंगे और पूरी तरह से बेबस हो जाएंगे.

कलियुग की आखिरी रात में धरती पर अन्न समाप्त हो जाएगा. भूकंप, आंधी और बारिश से अनाज के सारे गोदाम तबाह हो जाएंगे. लोग भूख और प्यास से तड़पते हुए दिखाई देंगे, और एक-दूसरे से लूटपाट करेंगे. हिंसा बढ़ जाएगी और समाज में कोई शांति या स्थिरता नहीं रहेगी. यह रात मानवता के सबसे बुरे हालात का प्रतीक होगी. जब धरती पर अधर्म और अराजकता बहुत बढ़ जाएगी, भगवान विष्णु अपने कल्कि अवतार में प्रकट होंगे. श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार, वे उत्तर प्रदेश के संभल जिले में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे. वे सफेद घोड़े पर सवार होकर, तलवार और धनुष के साथ बुराई का नाश करेंगे, और फिर सतयुग की शुरुआत होगी.
Published at : 20 Apr 2025 01:22 PM (IST)