
Shani Jayanti 2025: ज्येष्ठ अमावस्या पर शनि जयंती का पावन त्योहार मनाया जाता है. शिवरात्रि की तरह ही ये पर्व बेहद खास है क्योंकि नवग्रहों में शनि ही वो देवता है जो व्यक्ति को अच्छे और बुरे कर्म का फल प्रदान करते हैं. ऐसे में हर व्यक्ति शनि जयंती पर उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करता है.
इस दिन शनिदेव की पूजा करना बहुत लाभकारी माना गया है खासकर उन लोगों के लिए जिनकी कुंडली में शनि दोष, शनि की महादशा, साढ़ेसाती या फिर ढैय्या चल रही हो. आइए जानते हैं शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति पाने के लिए शनि जयंती पर कौन से उपाय करना चाहिए.
शनि जयंती के उपाय
- शनि को वृद्धावस्था का स्वामी ग्रह माना जाता है. जिस घर में वृद्ध माता-पिता को प्रसन्न रखा जाता है, वहां पर शनि की कृपा दृष्टि बनी रहती है. शनि की पीड़ा दूर करने के लिए सबसे पहले बड़े-बुजुर्गों को प्रसन्न रखें नहीं तो शनि जयंती पर किए सारे उपाय पूजा निष्फल होंगी.
- शनि जयंती पर निर्धन को लोहे का तवा-चिमटा दें. वहीं नंगे पैर चल रहे गरीबों को जूता या चप्पल पहनाएं. इससे शनि पीड़ा में बड़ी शांति मिलती है.
- इस दिन कांसे या लोहे के कटोरे में सरसों का तेल लें और उसमें अपना चेहरा देखकर इस कटोरो के तेल सहित जरुरतमंद को दान कर दें उसके बाद कटोरे. इसे छाया दान कहते हैं शनि जयंती पर ऐसा करने से नौकरी, व्यापार, विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती है.
- शनि जयंती पर पीपल और शमी के पास दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है. शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या के चलते पीपल के पेड़ की पूजा करना और उसकी परिक्रमा करने करना चाहिए. साथ ही शमी के फूल शनि देव को चढ़ाएं. इस दिन मंदिर में पीपल का पेड़ लगाएं. इससे शनि की उग्रता में कमी आती है.
- शनि को शांत करने के लिए शनि जयंती पर गरीब मजदूरों को तेल से बनी चीजें खिलानी चाहिए. खासकर मजदूर वर्ग के लोगों को खिलाएं.
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