
Alhamdulillah: मुसलमान रोजाना की बातचीत में कई शब्दों का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे कई शब्द हैं जोकि आपको मुसलमानों द्वारा सुनने को मिलेंगे. दुनियाभर के मुसलमानों द्वारा इन शब्दों का इस्तेमाल रोजाना किए जाते हैं. रोजाना की बातचीत में, धन्यवाद देने के लिए, प्रशंसा करने या आभार व्यक्त करने आदि जैसे कामों में इन शब्दों का इस्तेमाल होता है.
मुसलमानों के बीच बिस्मिल्लाह, सुभानअल्लाह, अल्लाहु अकबर, माशाअल्लाह, जजाकुम अल्लाहु खैरन, इंशाअल्लाह, ला हावला वला कुव्वाता इल्ला बिल्लाह, आमीन, यारहामुका अल्लाह, अस्तगफिरु अल्लाह, फीकुम आदि जैसे कई शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है. इन्हीं शब्दों में एक है ‘अहम्दुलिल्लाह’.
‘अहम्दुलिल्लाह’ का क्या अर्थ है
निश्चित रूप से आपने कई मुसलमानों (Muslims) को यह शब्द बोलते हुए सुना होगा. दुनियाभर के मुसलमान इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर कब और क्यों इस शब्द इस्तेमाल किया जाता है और इस्लाम में इसका क्या अर्थ है.
आमतौर पर अल्लाह का शुक्रिया अदा करने के लिए या अल्लाह के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए ‘अहम्दुलिल्लाह’ शब्द का मुसलमान द्वारा इस्तेमाल किया जाता है. ‘अल’, ‘हमद’ और ‘लिल्लाह’… इन्हीं तीनों को मिलकर अहम्दुलिल्लाह शब्द बना है.
कुरान में मिलता है जिक्र
अल्हम्दुलिल्लाह शब्द को कुरान (Quran) में भी पहली सूरा (अल-फ़ातिहा) की पहली आयत में पाया जाता है, जिसका सामान्य तौर पर अर्थ है अल्लाह का शुक्रिया अदा करना. इसके साथ ही यह शब्द मुहावरे के तौर पर दिनभर में कई बार मुसलमानों द्वारा प्रयोग होता है. उदाहरण के लिए जैसे- भोजन समाप्त करने के बाद, कोई काम पूर्ण होने के बाद. अगर कोई आपके पूछे कि आज का दिन कैसा रहा.. तब भी अल्हम्दुलिल्लाह कहा जा सकता है. जिस सवाल का जवाब अल्लाह से जुड़ा हो यानी अल्लाह की कृपा से जो काम पूर्ण हो जाए तो अल्लाह की प्रशंसा में अल्हम्दुलिल्लाह कहा जाता है.
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