Prediction 2025: अरब जगत में हलचल! 2025 क्या इस्लामिक दुनिया में एक नये युग की दस्तक?

Prediction 2025: क्या 2025 में इस्लामिक दुनिया एक नए युग में प्रवेश करेगी? हाल ही में कुछ इस्लामिक ज्योतिषियों (Ilm-e-Nujum experts) और भविष्यवक्ताओं ने चौंकाने वाली भविष्यवाणी की हैं. 2025 में ग्रहों का ऐसा संयोग बन रहा है जो 1400 साल पहले ‘खलीफा राज’ की शुरुआत के समय था. इस वर्ष ऐसा क्या हो रहा है, जिसको लेकर इस तरह की बातें हो रही है, ग्रहों की चाल और ज्योतिष शास्त्र से समझते हैं-

ग्रहों की चाल: क्या ये इशारा कर रहे हैं किसी बड़े बदलाव की ओर? (Shani Gochar)

  1. शनि (Saturn) मीन राशि में है, ये गोचर अध्यात्म, रहस्य और धार्मिक उथल-पुथल का संकेत देने वाला माना गया है. शनि का यह गोचर वैश्विक पटल पर धर्म, आस्था और करुणा से जुड़ी ऊर्जा को सक्रिय कर सकता है. लोग भावनाओं को दबाने में नकाम दिखाई देंगे.
  2. राहु (Rahu) मीन में गोचर कर रहा है. ज्योतिष ग्रंथों में इस ग्रह को भ्रम और परिवर्तन का प्रतीक माना गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब शनि और राहु की युति होती है तो पिशाच योग बनता है. वर्तमान समय में योग 18 मई 2025 तक बना हुआ है. राहु के साथ केतु का परिवर्तन सामाजिक अस्थिरता, विद्रोह और धार्मिक विमर्शों को तेज करने वाला माना गया है.
  3. मंगल का कर्क राशि में गोचर है. मंगल ऊर्जा, युद्ध और रक्त का कारक है. इसके साथ ही ये बड़ी मशीनों को भी कारक है. कर्क राशि जो जल तत्व की राशि है और ज्योतिष शास्त्र में कर्क राशि को मंगल की नीच राशि माना गया है, ये गोचर स्थिति भी अचानक शक्ति परिवर्तन का योग मानी गई है.

ये संयोग अंतिम बार इस रूप में 622 ईस्वी (हिजरत) के समय बना था, जब पैगम्बर मोहम्मद ने मक्का से मदीना की ओर यात्रा की थी और इस्लाम का एक नया चरण शुरू हुआ था. ग्रहों की ये स्थिति संकेत करती है कि धार्मिक चेतना और राजनीतिक समीकरण किसी नए चरण में प्रवेश कर सकते हैं.

हदीस और भविष्यवाणी, क्या है असली रहस्य? (Hadis and Prophecy, Real Secret)
बुखारी शरीफ की एक हदीस में उल्लेख मिलता है,‘जब आकाश में लाल तारा और काले साए एक साथ होंगे, तब उम्मत को नया रहनुमा मिलेगा.’ कुछ विद्वान लाल तारा को मंगल और काले साए को शनि-राहु की युति या संयोग से जोड़कर देखते हैं. ग्रहों की बात करें तो इन स्थिति के कारण अरब जगत ही नहीं संपूर्ण जगत में एक विशेष हलचल देखी जा रही है.

इस्लामिक परंपराओं में कई हदीसें हैं जो ‘अलामात अल-सआह’ यानी कयामत से पहले की निशानियों का उल्लेख करती हैं,

  • ‘एक समय आएगा जब झूठ को सच और सच को झूठ कहा जाएगा.’
  • ‘माल का ढेर लगेगा, मगर अमानतदार नहीं होंगे.’
  • ‘मशरिक (पूर्व) से एक नयी रोशनी आएगी.’

कई विद्वान मानते हैं कि इन हदीसों के संकेत मध्य-पूर्व, भारत उपमहाद्वीप और एशिया की ओर इंगित करते हैं, जहां से नई चेतना या बड़ा राजनीतिक-धार्मिक बदलाव उभर सकता है.

मेदिनी ज्योतिष जिसमें देश-विदेश से जुड़ी भविष्यवाणी की जाती है, उसके अनुसार शनि ग्रह जब पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में हो तो डॉक्टर, वैद्य, कवि, शराब बेचने वाले, खरीद-बिक्री करने वाले और नीतिशास्त्र जानने वाले परेशान होते हैं. वर्तमान समय में शनि का गोचर पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में हो रहा है. यहां शनि देव 28 अप्रैल 2025 तक रहेंगे.

मेदिनी ज्योतिष के अनुसार मंगल ग्रह (Mars) जब भी पृथ्वी के निकट आता है तो तापमान (Temperature) में वृद्धि होती है, मौसम (Weather) में बड़े बदलाव दिखाई देते हैं. वहीं जंगलों में आग (Fire) लगने की घटनाओं भी बढ़ोत्तरी होती है. वर्तमान समय में मंगल कर्क राशि में गोचर कर रहा है, यहां पर मंगल 7 जून 2025 तक रहेगा.

कर्क राशि में जब मंगल होता है तो ये पृथ्वी के निकट होता है. जो तनाव, सीमा विवाद को बढ़ता है. सत्ता में शीर्ष पर बैठे लोग जोश और जल्दबाजी में फैसले करते हैं, इन फैसलों में कभी कभी एग्रेशन (Aggression) भी दिखाई देता है. युद्ध और आगजनी की घटनाएं बढ़ती हैं.

तुर्की, ईरान और अरब जगत में हलचल!

  • तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन ने पिछले महीने ‘Neo-Ottomanism’ की बात दोहराई.
  • सऊदी अरब में इस्लामिक यूनिटी मिशन 2025 की तैयारियां.
  • ईरान में ‘Hidden Imam’ की वापसी को लेकर फिर चर्चाएं शुरू.

दुनिया के कई हिस्सों में ये सवाल उठने लगा है कि क्या किसी नए इस्लामिक युग की दस्तक है? ग्रहों की गणना से ये तो स्पष्ट दिख रहा है कि 2025 सिर्फ एक साल नहीं, एक रहस्यमयी मोड़ भी हो सकता है, जहां ग्रहों की चाल, 1400 साल पुरानी हदीस, और दुनियाभर की राजनीतिक हलचल एक साथ मिलकर भविष्य की एक नई तस्वीर बना सकती है.

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