Premanand Ji Maharaj: अगर हम परमात्मा का अंश हैं तो हमसे गलतियां कैसे हो जाती हैं, पढ़ें प्रेमा

Premanand Ji Maharaj Vachan: प्रेमानंद जी महाराज एक महान संत और विचारक हैं जो जीवन का सच्चा अर्थ समझाते और बताते हैं. प्रेमानंद जी के अनमोल विचार जीवन को सुधारने और संतुलन बनाएं रखने में मार्गदर्शन करते हैं.

प्रेमानंद जी महाराज का मानना है मनुष्य परमात्मा का अंश अपने को मान कहां रहा है. वो अपने आप को मानव मान रहा है, मनुष्य मान रहा है, पुरुष मान रहा है, शरीर भाव रखता है, वो परमात्मा का कहां चिंतन करता है. साथ ही ना परमात्मा के अंश की स्वीकृति है. स्वीकृति तो है मैं पुरुष हूं तो वह प्रकृति का अंश है परमात्मा का थोड़ी है.

अगर हम कर्ता है तो भोगना पड़ेगा. निमित मात्र भाव “निमित्तमात्रं भव सव्यसाचिन्” अर्थात् इसका अर्थ है भगवान के कार्य का एक साधन बनना चाहिए, अभिमान और फल की इच्छा के बिना, क्योंकि वास्तव में सब कुछ भगवान की इच्छा से होता है. कर्म के अनुसार फल की प्राप्ति होती है. शुभ कर्म करेंगे तो स्वर्गलोक जाएंगे और अशुभ क्रम करेंगे तो नरक लोग जाएंगे. मिश्रित होंगे कर्म तो मृत्यु लोक जाएंगे. शुभ-अशुभ दोनों को मिटा दें तो भगवान ती प्राप्ति हो जाएगी.

 

अगर हम लोग निमित मात्र बन जाएं, तो सब अच्छा हो जाएगा. सारा खेल प्रकृति से हो रहा है, माया से हो रहा है तो जीवन मुक्त हो गया. बुरा हो रहा है या अच्छा हो रहा गुणों के अनुसार हो रहा है. गुण माया से प्रेरित, माया ब्रह्म से प्रेरित है, आप निमित मात्र है, आप जीवन मुक्त हो गए. लेकिन ऐसा नहीं है हम कर्ता हैं, हम भोगता हैं, हम सुख लेते हैं हम सुख देखते हैं.

निमित मात्र में आता है तब भगवान की सत्ता के बिना एक पत्ता भी नहीं हिल सकता है. बोलने में बोल दिया लेकिन कभी इस बात के बारे में सोचा नहीं. केवल इस बात को पकड़ लें में निमित मात्र हूं और यह सब कुछ भगवान द्वारा हो रहा है. बार-बार अगर आपके अंदर यह चिंतन चले तो ना काम का चिंतन ना क्रोध का चिंतन. काम और क्रोध का जब चिंतन होता है तब इंसान से गलत काम होते हैं. जब निमित मात्र बन जाएंगे, परमात्मा के द्वारा चलाए जा रहे हैं और परमात्मा का अंश हो यह सब बातें नहीं रह जाएंगे, आप महात्मा बन जाएंगे. 
 

 

Related Posts

प्रेग्नेंसी में ‘साइलेंट किलर’ से सावधान, विशेषज्ञ से जानें लक्षण और बचाव

World Pre-eclampsia Day: हर साल 22 मई को विश्व प्री-एक्लेम्पसिया दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य गर्भावस्था के दौरान होने वाली एक गंभीर अवस्था प्री-एक्लेम्पसिया के प्रति…

इस बीमारी में पानी ही बन जाता है जहर, ज्यादा पीना हो सकता है जानलेवा

Effect of Drinking Excessive Water: आपने बचपन से यही सुना होगा  “जितना ज्यादा पानी पियो, उतना अच्छा.” सुबह खाली पेट पानी पीना, हर घंटे घूंट-घूंट पानी पीना, ये सब अब…

Leave a Reply