World Environment Day: ग्रहों की अशुभता दूर करें पौधे लगाकर, जानें ज्योतिषीय उपाय

World Environment Day celebrated: हर वर्ष 5 जून को मनाया जाने वाला पर्यावरण दिवस केवल प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने का संदेश नहीं देता, बल्कि वैदिक ज्योतिष की दृष्टि से यह दिन हमारे ग्रहों को भी अनुकूल बनाने का एक बेहतरीन अवसर हो सकता है.

ज्योतिषीय शास्त्रों में बड़ी ही प्रमुखता से बताया गया है कि पृथ्वी पर पौधों का रोपण न केवल पर्यावरणीय लाभ देता है, बल्कि यह ग्रहों की स्थिति को भी संतुलित करता है. प्रमाणिक ग्रंथों में पर्यावरण और पौधों के बारे में विस्तार से बताया गया है.

‘बृहज्जातक’ और ‘फलदीपिका’ जैसे प्रमुख ग्रंथों में वर्णित है कि प्रकृति से संतुलन बनाए रखने वाला व्यक्ति ग्रह पीड़ा से मुक्त होता है. वहीं ‘पराशर होरा शास्त्र’ में बताया गया है कि वृक्ष, जल स्रोत, और पशु-पक्षी ग्रहों से संबंधित होते हैं, इसलिए उनका संरक्षण ग्रह शांति में बड़ी भूमिका निभाता है.

यानि प्रकृति को बेहतर बनाने से जहां पर्यावरण बेहतर बनता है वहीं ये प्रयास हमारे भाग्य को भी बदलने की क्षमता रखता है. परिवार के साथ पौधा लगाने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है.

ग्रहों के अनुसार पौधे और उनके लाभ:

  • सूर्य-आक (मदार), गुड़हल का पौधा लगाने से आत्मबल, सम्मान, नेत्र रोग निवारण उच्च पद प्राप्ति होती है.
  • चंद्र- चमेली, श्वेत पुष्पों वाले पौधे मानसिक शांति, माता संबंधी कष्ट निवारण मनोबल में वृद्धि होती है.
  • मंगल- अनार, खजूर, चंपा का पौधा लगाने से रक्त विकार, दुर्घटना से बचाव साहस में वृद्धि होती है.
  • बुध- तुलसी, वच, दूर्वा का पौधा लगाने से बुद्धि, वाणी दोष शमन पढ़ाई में सफलता मिलती है.
  • गुरु- पीपल, केले का पेड़ का पौधा लगाने से ज्ञान, संतान सुख, गुरुदोष निवारण धार्मिक उन्नति होती है.
  • शनि- शमी, नीम, बबूल का पौधा लगाने से न्याय, रोग और शत्रु बाधा से रक्षा कर्म सुधार होता है.
  • राहु- दूर्वा लगाने से भ्रम, भय, वशीकरण से मुक्ति छुपे हुए शत्रु से बचाव होता है.
  • केतु- कुश, अश्वगंधा का पौधा लगाने से मोक्ष, आध्यात्मिक उन्नति पूर्व जन्म के कर्मों से राहत मिलती है.
  • शुक्र-गुलाब और चंदन का पौधा लगाने से प्रेम, सौंदर्य, दाम्पत्य सुख भोग-विलास में वृद्धि होती है.

पर्यावरण को बेहतर रखना सभी की जिम्मेदारी है, क्या आपके पता है कि शनि और राहु सबसे अधिक प्रसन्न होते हैं जब पर्यावरण संरक्षण किया जाता है. शनि कितने ही अशुभ हों यदि आप प्रकृति को अच्छा रखने में अहम योगदान देते हैं तो ये ग्रह खराब होने पर भी अच्छा फल प्रदान करने लगता है. वहीं गुरु और चंद्रमा वृक्षारोपण व जल संरक्षण से प्रसन्न होकर मानसिक और शारीरिक संतुलन प्रदान करते हैं.

जीवन की किन समस्याओं से मिलती है मुक्ति?

  • बार-बार की असफलता (शनि दोष)
  • मानसिक तनाव (चंद्र दोष)
  • पारिवारिक कलह (मंगल या राहु दोष)
  • शिक्षा व करियर की बाधा (बुध व गुरु)
  • विवाह व प्रेम जीवन में रुकावटें (शुक्र दोष)

कह सकते हैं कि पर्यावरण दिवस केवल एक प्रतीकात्मक दिन नहीं, बल्कि वैदिक दृष्टिकोण से ग्रहों को संतुलित करने और जीवन में शुभता लाने का एक सशक्त दिन भी है. जब आप एक पौधा लगाते हैं, तो वह न केवल ऑक्सीजन देता है, बल्कि वह आपकी कुंडली में बैठा ग्रह भी प्रसन्न करता है. एक वृक्ष, सौ पापों से मुक्ति, यह लाइन केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि ज्योतिषीय रूप से भी प्रसांगिक है.

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