बुखार का मतलब सिर्फ वायरल नहीं! हो सकता है मलेरिया या डेंगू, पहचानें लक्षण

Malaria vs Dengue : आज 25 अप्रैल को मलेरिया दिवस (World Malaria Day) है. इस दिन का मकसद है मलेरिया को लेकर लोगों को अवेयर करना और इसके खात्मे के लिए जरूरी कदम उठाना है. भारत में मलेरिया एक बड़ी समस्या है. हर साल बड़ी संख्या में लोग इसकी चपेट में आते हैं. मच्छरों से फैलने वाली ये बीमारी गर्मियों में खासकर बारिश जाने पर ज्यादा फैलती है.

ठीक इसी तरह डेंगू के लक्षण भी होते हैं. इसलिए ज्यादातर लोग मलेरिया और डेंगू को लेकर कंफ्यूज रहते हैं. मलेरिया की तरह ही डेंगू भी मच्छरों से फैलता हैं, लेकिन इनमें बड़ा अंतर होता है. आइए जानते हैं मलेरिया और डेंगू में कौन ज्यादा खतरनाक है…

मलेरिया कैसे फैलता है

मलेरिया (Malaria) बीमारी Anopheles मच्छर के काटने से फैलती है. जब मलेरिया से संक्रमित मच्छर किसी इंसान को काटता है, तो उसके शरीर में Plasmodium नाम का पैरासाइट चला जाता है. यही पैरासाइट खून में जाकर लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) को नुकसान पहुंचाता है और बुखार, कमजोरी जैसी समस्याएं होने लगती हैं.

मलेरिया के लक्षण क्या होते हैं

बार-बार आने वाला तेज बुखार

ठंड लगना और पसीना आना

उल्टी या मतली

शरीर में दर्द और थकान

डेंगू और मलेरिया में क्या अंतर है

1. मलेरिया एनोफिलीज (Anopheles) और डेंगू एडीज एजिप्टी (Aedes aegypti) नाम के मच्छरों से फैलता है.

2. मलेरिया के मच्छर रात में और डेंगू के मच्छर दिन में काटते हैं.

3. मलेरिया में  बार-बार तेज बुखार, ठंड लगने की समस्या होती है, जबकि डेंगू में हड्डी तोड़ बुखार, आंखों के पीछे दर्द, शरीर पर चकत्ते और प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं.

4. मलेरिया का पता ब्लड स्लाइड या मलेरिया रैपिड टेस्ट से होता है, जबकि डेंगू NS1 एंटीजन, प्लेटलेट काउंट से पता चलता है.

5. मलेरिया की दवाएं मौजूद हैं लेकिन डेंगू का कोई खास इलाज नहीं है, सिर्फ लक्षणों के आधार पर इलाज किया जाता है.

मलेरिया से कैसे बचें

मच्छरों से बचें.

पूरी बाजू के कपड़े पहनें.

मच्छरदानी का इस्तेमाल करें.

घर के आसपास पानी जमा न होने दें, क्योंकि मच्छर ऐसी ही जगहों पर पनपते हैं.

मच्छर मारने वाले स्प्रे और क्रीम का इस्तेमाल करें.

शाम होते ही खिड़कियां और दरवाजे बंद करें या जाली लगवाएं.

समय-समय पर सरकारी कैंप में जाकर जांच कराएं.

वर्ल्ड मलेरिया डे क्यों मनाया जाता है

मलेरिया को खत्म करना सिर्फ एक देश की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की जिम्मेदारी है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, मलेरिया से हर साल लाखों लोग प्रभावित होते हैं और हजारों की जान जाती है, खासकर बच्चों को ज्यादा खतरा होता है. इस बीमारी को समय रहते पहचानकर आसानी से रोका जा सकता है.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 

यह भी पढ़ें : बार-बार प्यास लगती है? कहीं ये बड़ी बीमारी का अलार्म तो नहीं

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