काम की टेंशन में पार्टनर को नहीं दे पा रहे वक्त, जानें कितना अहम है क्वालिटी टाइम?

Relationship Tips: ‘अब तुम्हारे पास मेरे लिए टाइम ही नहीं है’…अगर ये बात आपके पार्टनर ने भी आपसे कही है, तो रुकिए… ये सिर्फ शिकायत नहीं, आपके रिलेशनशिप के लिए एक अलार्म है. आज की भागदौड़ वाली लाइफ में काम का टेंशन इतना बढ़ गया है कि हम सबसे जरूरी चीज, यानी अपने रिश्ते को वक्त देना ही भूल जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जितना जरूरी आपका काम है, उतना ही जरूरी है पार्टनर के साथ बिताया गया क्वालिटी टाइम (Quality Time). ये रिलेशनशिप को नई एनर्जी देने का काम करता है. चलिए जानते हैं  इसकी अहमियत…

रिलेशनशिप की असली ‘फ्यूल’ है साथ में बिताया समय

रोज-रोज ऑफिस, मीटिंग्स, डेडलाइंस और टारगेट के बीच जब आप अपने रिश्ते को वक्त नहीं देते, तो वो धीरे-धीरे ठंडा पड़ने लगता है. रिसर्च कहती है एक हैप्पी रिलेशनशिप (Relationship) का सबसे जरूरी हिस्सा है ‘Attention and Time’…इससे रिश्ते में मजबूती आती है और वह एक खुशनुमा रास्ते पर चलता रहता है. 

क्वालिटी टाइम मतलब क्या है

एक्सपर्ट्स के अनुसार, सिर्फ साथ बैठकर फोन चलाना क्वालिटी टाइम नहीं है। इसका मतलब है बिना फोन के एक दूसरे से बातें करना, साथ डिनर करना, वॉक पर जाना, पुरानी यादें ताजा करना,

साथ में कुछ नया एक्सप्लोर करने जैसी एक्टिवटीज.

क्या टाइम न देना बन सकता है दूरी की वजह

जब पार्टनर को लगे कि आप उनके लिए इम्पॉर्टेंट नहीं हैं, तो रिश्ते में इमोशनल गैप (Emotional Gap) आने लगता है. यही गैप बढ़ते-बढ़ते बाद में झगड़े, इग्नोरेंस और ब्रेकअप की वजह बन सकता है.

स्मॉल मूमेंट्स, बिग कनेक्शन

रिलेशनशिप एक्सपर्ट्स कहते हैं कि, आपके पास बहुत ज्यादा टाइम नहीं भी है, तो भी कोई बात नहीं. हफ्ते में 2-3 बार 20-30 मिनट का ‘डेडिकेटेड टाइम’ भी काफी होता है, बस उस वक्त आपका पूरा फोकस सिर्फ  और सिर्फ आपके पार्टनर पर होना चाहिए. सुबह का गुड मॉर्निंग, लंच टाइम पर छोटा सा मैसेज, ऑफिस से लौटते वक्त उनका पसंदीदा स्नैक, बेवजह एक प्यार भरा हग (Hug) जैसे छोटे-छोटे जेस्चर भी क्वालिटी टाइम का हिस्सा होते हैं.

क्वालिटी टाइम के फायदे

रिलेशनशिप में मजबूती

स्ट्रेस कम होगा

पार्टनर के साथ बॉन्ड और गहरा होगा

 

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