
Ghamoriya ka Ilaj : ‘चुभती-जलती गर्मी का मौसम आया, चुभती-जलती घमौरियां लाया…’ यह एड तो टीवी में आपने हजारों बार देखा होगा. गर्मी आने पर खुद के साथ महसूस भी किया होगा. अप्रैल का महीना बस शुरू होने वाला है और चिलचिलाती धूप, बेहिसाब पसीना और जलन भरी घमौरियां बढ़ने लगी हैं.गर्मी का मौसम अपने साथ कई परेशानियां लेकर आता है, खासकर बच्चों की कोमल त्वचा के लिए. घमौरियों (Prickly Heat) की जलन और खुजली से बच्चे बेचैन हो जाते हैं.
बाजार में मिलने वाले पाउडर और क्रीम राहत तो देते हैं, लेकिन उनमें मौजूद केमिकल से बच्चों की स्किन को नुकसान भी हो सकता है.लेकिन आपको घबराने की जरूरत नहीं, क्योंकि राहत आपके किचन में ही छुपी है. जानिए कैसे घर में मौजूद आसान और असरदार उपायों से अपने बच्चे को घमौरियों से तुरंत राहत दिला सकती हैं.
बच्चों को घमौरियां क्यों करती हैं परेशान
ज्यादा पसीना निकलने और त्वचा के छिद्र बंद होने से
बहुत ज्यादा गर्मी और उमस त्वचा पर चिपचिपाहट बढ़ा देती है, जिससे घमौरियां हो सकती हैं.
बच्चों की स्किन बहुत सेंसिटिव होती है, जिससे वे ज्यादा प्रभावित होते हैं.
तंग और सिंथेटिक कपड़े पहनने से त्वचा सांस नहीं ले पाती, जिससे पसीना फंस जाता है और घमौरियां हो सकती हैं.
घमौरियों के घरेलू इलाज
1. गुलाब जल और चंदन पाउडर
एक चम्मच चंदन पाउडर में गुलाब जल मिलाकर पेस्ट बनाएं और घमौरियों पर लगाएं. 10-15 मिनट बाद धो लें. चंदन ठंडक पहुंचाता है और गुलाब जल स्किन को रिलैक्स करता है. इससे घमौरियों से काफी राहत मिलेगी.
2. एलोवेरा जेल
एलोवेरा एंटीबैक्टीरियल और कूलिंग गुणों से भरपूर होता है. इसे लगाने से घमौरियों से जल्दी राहत मिल सकती है. ताजा एलोवेरा जेल निकालकर प्रभावित हिस्से पर लगाएं. 20 मिनट बाद साफ पानी से धो लें.
3. मुल्तानी मिट्टी का लेप
4. बर्फ और ठंडे पानी से नहलाएं
बर्फ का ठंडा पानी तुरंत जलन और खुजली को कम करता है. एक कपड़े में बर्फ लपेटकर घमौरियों पर लगाएं. आप चाहें तो बच्चे को गुनगुने पानी में नीम के पत्ते डालकर नहलाएं. इससे घमौरियां जल्दी खत्म हो सकती हैं.
5. खीरे का रस और दही
घमौरियां कंट्रोल करने में खीरे का रस और दही भी बेहद फायदेमंद होता है. इसे इस्तेमाल करने के लिए खीरे का रस और दही मिलाकर घमौरियों पर लगाएं. 15 मिनट बाद धो लें. घमौरियां खत्म करने में यह रामबाण है.
बच्चों को घमौरियों से बचाने के लिए क्या करें.
हल्के और सूत के कपड़े पहनाएं.
बच्चे को दिन में 2-3 बार नहलाएं.
पसीना आने पर तुरंत मुलायम तौलिये से पोंछें.
उन्हें ज्यादा से ज्यादा पानी और लिक्विड लें.