युद्ध की बातें और वीडियो देखकर मेंटल हेल्थ पर क्या पड़ता है असर? जान लीजिए ये कितना खतरनाक

Impact of War Videos on Mental Health: एक बार सोचकर दोखिए कि, आप अपने मोबाइल पर स्क्रॉल कर रहे हैं और अचानक एक ऐसा वीडियो सामने आता है जिसमें गोलियों की आवाजें, बम धमाके और घायल लोगों की झलक दिखाई देती है. आप कुछ सेकंड के लिए डर जाते हैं और फिर आगे बढ़ जाते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि, इन कुछ सेकंड्स में आपकी मानसिक सेहत पर कितना गहरा असर पड़ सकता है? आज के डिजिटल युग में युद्ध की तस्वीरें और वीडियो इतनी आसानी से हमारे सामने आ जाती हैं कि, हम कब इनका मानसिक बोझ ढोने लगते हैं, हमें पता ही नहीं चलता.

जानकारी के मुताबिक युद्ध से जुड़े वीडियो या खबरें बार-बार देखने से एंग्ज़ाइटी और डिप्रेशन जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं. जब हम युद्ध के दृश्य देखते हैं, तो दिमाग का एमिगडाला हिस्सा एक्टिव हो जाता है, जो खतरे और डर को पहचानने का काम करता है. इससे तनाव का स्तर बढ़ जाता है, जो लंबे समय तक मानसिक अस्थिरता पैदा कर सकता है. 

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क्यों होती है मानसिक तनाव? 

मानव स्वभाव ही ऐसा है कि, हम नकारात्मक चीजों की ओर ज्यादा आकर्षित होते हैं. युद्ध के दृश्य या हिंसा भले ही हमें डराते हैं, लेकिन मनोवैज्ञानिक रूप से यह हमारी जिज्ञासा को भी उत्तेजित करते हैं. यही कारण है कि, हम कभी-कभी चाह कर भी ऐसे कंटेंट से दूरी नहीं बना पाते. यही आदत धीरे-धीरे हमारी मानसिक सेहत को खोखला कर देती है.

युवा वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित होता है 

सोशल मीडिया का इस्तेमाल सबसे ज्यादा युवा वर्ग करता है और यही वजह है कि, वे इस कंटेंट के सबसे बड़े उपभोक्ता भी बन जाते हैं. पढ़ाई, करियर और निजी जिंदगी के तनाव के बीच जब वे युद्ध या हिंसा के वीडियो देखते हैं, तो उनका मन और भी बेचैन हो जाता है. इसी के कारण कई युवाओं में नींद की कमी, चिड़चिड़ापन और एंग्जाइटी जैसी समस्याएं बढ़ती देखी गई हैं.

युद्ध का वीडियो देखने से खुद को कैसे बचा सकते हैं? 

कोशिश करें कि सोशल मीडिया या न्यूज प्लेटफॉर्म्स पर सीमित समय ही बिताएं.

 ऐसे वीडियो या लेख देखें जो आपको प्रेरित करें और मानसिक सुकून दें.

दिमाग को शांत रखने के लिए ध्यान, योग और हल्की-फुल्की एक्सरसाइज बेहद फायदेमंद हैं.

अगर आप महसूस करते हैं कि, आप पर इसका असर ज्यादा हो रहा है, तो डॉक्टर की मदद लेना जरूरी है. 

युद्ध सिर्फ जंग के मैदान में ही नहीं लड़ा जाता, यह हमारे मन और सोच पर भी असर डालता है. जरूरी है कि, हम खुद को इस डिजिटल युद्ध के मानसिक प्रभाव से बचाएं और अपनी मानसिक सेहत को प्राथमिकता दें. क्योंकि मन का मजबूत होना सबसे बड़ी ताकत होता है. 

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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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